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चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय में पुरातत्व एवं अभिलेखागार निदेशालय, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर के प्रायोजकत्व में पुरातात्विक मूर्तियों की प्लास्टर कास्टिंग विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरुकता बढ़ाना, प्लास्टर कास्टिंग में व्यावहारिक कौशल विकसित करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और संरक्षण के प्रयासों को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम का उद्घाटन चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी के गुप्ता और संस्थान के संचालक श्री वीरेंद्र तिवारी के कर कमलों से हुआ। प्राचार्य डॉ गुप्ता ने अपने उद्घाटन भाषण में छात्रों के कौशल को बढ़ाने और भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरी समझ विकसित करने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रथम दिन संचालनालय पुरातत्व एवं अभिलेखागार, छ. ग. शासन, रायपुर के समन्वयक एवं प्लास्टर कास्टिंग विशेषज्ञ श्री संजय झाबरडे ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के महत्व पर जोर देते हुए पुरानी प्रतिमाओं की सटीक प्रतिकृतियां बनाने की प्रक्रिया समझाया। उन्होंने इस प्रक्रिया में उपयोग होने वाले उपकरण, तकनीकों और नैतिक पहलुओं पर चर्चा की, और छात्रों को इस कार्य जो सांस्कृतिक संरक्षण में योगदान के रूप में करने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला के दूसरे दिन, शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के कुलपति डॉ. ललित पटेरिया ने कार्यशाला का अवलोकन किया। अपने संबोधन में, डॉ. पटेरिया ने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कह कि यह एक अनूठी पहल है, जो शैक्षणिक शिक्षा के साथ व्यावहारिक कौशल को जोड़ती है। उन्होंने इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। डॉ. पटेरिया ने प्रतिभागियों से बातचीत की और उनके द्वारा तैयार की गई प्रतिकृतियों की समीक्षा की। उन्होंने छात्रों की रचनात्मकता और समर्पण की सराहना की, ऐतिहासिक प्रामाणिकता बनाए रखने में सटीकता और शिल्प कौशल के महत्व को रेखांकित किया। द्वितीय दिवस पर सांस्कृतिक विभाग, रायपुर के कलाकार और प्लास्टर कास्टिंग विशेषज्ञ संजय श्रीवास ने प्लास्टर कास्ट की फिनिशिंग और डिटेलिंग की उन्नत तकनीकों के बारे में प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान किया। कार्यशाला के समापन सत्र में सहायक प्राध्यापक श्रीमती शुभदा जोगलेकर ने डॉ. ललित पटेरिया को कार्यक्रम के लिए समय एवं बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक अरुज वर्मा ने किया। कार्यक्रम में संस्था के प्राध्यापकगण सहित बड़ी संख्या में महाविद्यालयीन छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Event Information
Date:
Dec. 24, 2024
Total Participants:
80
Event Venue
Venue:
College Campus
Location:
Pamgarh, Chhattisgarh
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