हिन्दी विभाग चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय, पामगढ़ का एक अभिन्न अंग रहा है। महाविद्यालय के स्थापना के साथ ही हिन्दी विभाग की स्थापना भी वर्ष 2001 में हुई। कालांतर में स्नातकोत्तर कक्षाएं सत्र 2012-13 में प्रारंभ की गई। विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सामाजिक, नैतिक व सांस्कृतिक आवष्यकताओं एवं कौषल विकास हेतु हिन्दी विभाग सदैव प्रतिबद्ध रहा है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए विभाग में पुस्तकों की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है इसके अतिरिक्त संदर्भ-ग्रंथ तथा पत्र-पत्रिकाएं भी उपलब्ध हैं। अंचल में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं आंचलिक साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निरंतर प्रयासरत् है।
हिंदी विभाग का मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों में हिंदी साहित्य के ज्ञान को विकसित करने के लिए कक्षा षिक्षण के अतिरिक्त कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, अतिथि व्याख्यानों, समूह-चर्चाओं, प्रष्नोत्तरी व प्रतियोगिताओं के माध्यम से ज्ञान कौशल में वृद्धि करना है। साहित्य और उसके मूल विषयों के माध्यम से आत्मविश्वास और स्वतंत्र सोच विकसित करने वाले मूल्यों एवं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयास करना विभाग के लक्ष्यों में से एक है।
विभागीय पुस्तकालय को समृद्ध करने के साथ ही हिंदी विभाग को शोध केंद्र बनाने की भावी योजना है। आंचलिक साहित्यकारों व उनके साहित्यों तथा साहित्यिक संस्थाओं की सहभागिता से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगोष्ठियों व सम्मेलनों का आयोजन कर विद्यार्थियों का साहित्यिक विकास करना।
Program offered
course |
Intake capacity |
Duration semester/year |
B.A. |
209 |
3 Year |
M.A. |
30 |
4 Semester |