दिनाँक 21/10/2023 को चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा 01 दिवसीय रक्तदान शिविर(01 Day Blood Donation Camp) का भव्य आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य के रूप महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय डॉ.व्ही.के. गुप्ता सर (ऑन लाइन के माध्यम से),महाविद्यालय के संचालक महोदय श्री वीरेंद्र तिवारी सर, श्रीमती डॉ.गरिमा तिवारी मैडम,श्री विवेक जोगलेकर सर,श्रीमती शुभदा जोगलेकर मैडम,श्री अशोक सिंह यादव सर,डॉ.चेतना सराफ मैडम सहित बालाजी चेरिटेबल ब्लड सेंटर के डॉक्टर,नर्स स्टाफ आदि उपस्थित रहें।
इस कैम्प में चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के स्टाफ,राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयं सेवकों व अन्य छात्र छात्राओं ने विशाल रक्तदान किया। महाविद्यालय के संचालक महोदय श्री वीरेंद्र तिवारी सर के द्वारा रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र एवं उपहार देकर प्रोत्साहित व सम्मानित किया गया।
Chaitanya Science and Arts College proudly organized
the "2nd Commemoration Lecture in Loving Memory of Late Prof. Sharad K.
Vajpai." The event was held to honor and remember the remarkable
contributions of the late Professor Sharad K. Vajpai, a distinguished figure
in the world of academic and a source of inspiration for many. This
commemorative lecture serves as a platform to celebrate his legacy and to
acknowledge his enduring impact on the academic community. |
The Sector Level Football (M) Competition 2023, sponsored by the Department of Higher Education, Government of Chhattisgarh, was organized at Chaitanya Science and Arts College, Pamgarh on 12th & 13th, October 2023. The event was inaugurated in the presence of the Chief Guest, Mr. V.Y. Joglekar, Senior Professor, and the Guest of Honor, Mr. Veerendra Tiwari, Chairman, Governing Body, Chaitanya Science & Arts College, Pamgarh, along with distinguished former players, Dr. Tarneesh Gautam, Competition Supervisor, Ashok Singh Yadav, and Dr. Narendra Nath Guria. |
Chaitanya
Science and Arts College celebrated World Heart Day on September 30th, in
collaboration with the Department of Zoology and Botany. The event featured
distinguished guests, including Dr. Jairam Iyer, a renowned heart specialist
from Pulse Hospital Durg, and Dr. Veenapani Dubey, the director of Pandit
Sunderlal Sharma University. The program commenced with an opening address by
motivational speaker Mr. Vivek Joglekar, who extended a warm welcome to the
guests. Mrs. Shubhada Joglekar, Head
of the Science Department, and Ms. Bhagwati Sahu, Assistant Professor of the
Assistant Prof. Of Zoology , were responsible for organizing the event. |
The celebration of
Raksha Bandhan at Chaitanya Science and Arts College in Pamgarh was marked by
a unique and environmentally conscious initiative. College professors and
students came together to promote environmental protection by tying
eco-friendly Rakhis to trees and plants on the college campus. This gesture
symbolized a pledge to safeguard and protect the natural surroundings. |
Day 3
Speaker:
Dr. B.D. Mishra
Professor and Head of Department
One day Career Counseling on Geo-informatics: Scope of Opportunities on
Dated 9th May 2023
organized by Geography Department & IQAC Chaitanya Science and Arts College
Pamgarh Chhattisgarh and with in Collaboration IIARI Kolkata West Bengal.
Mr.Rahul Chakraborty Director, IIARI and Tania Sen Research Asst IIARI, Dr.V.K.
Gupta, Principal Chaitanya Science and Arts College Pamgarh, Dr.Veenapani Dubey
Head, Deptt.of Botany, Mr.veerendra Tiwari Chairmen, Governing body, Mr.Dhaneshwar Suryavanshi, Astt Prof Computer Science and Mr.Ashok Singh Yadav IIC Vice President and
Dr.N.Guria Coordinator of this Programme was present.
Workshop
on “World Creativity and Innovation” was organized in Chaitanya Science
and Arts College, Pamgarh on dated 21st April 2023. World
Creativity and Innovation Day was established to encourage everyone to dig deep
and find their own inner da Vinci. Creativity and innovation are beneficial in
every walk of life, occupation and career. From those in customer service
finding ways to improve their customers’ experiences to scientists who’s every
workday is filled with learning new things about the world and finding new ways
to apply it. From politicians who could use their creativity to find new ways
to solve problems and aid the public to medical workers who can seek out new
ways of doing things that will protect their patients as well as society. With
efforts supported by the Nations, World Creativity and Innovation Day
encourages every individual to imagine what it would be like to live in a
better world with different solutions and more cooperation. Chairperson Mr.
Veerendra Tiwari, Chairman, Governing Body, Chaitanya Science & Arts
College, Pamgarh , Dr. V.K. Gupta, IIC President, Principal, Chaitanya Science
& Arts College, Pamgarh, Chief Guest
Dr. Mahesh Shukla, Professor and Head of Sociology, Govt. TRS College of
Excellence, Rewa, Speaker Dr. Veenapani Dubey, Head, Dept of Botany, Chaitanya
Science & Arts College, Pamgarh, Speaker Mr. Nishant Behar, Astt.Prof
Dept of computer science, Guru Ghasidas University, Bilaspur, Chhattisgarh was
Present.
A five-day workshop on Professional Web Development was organized by the Department of Computer Science at Chaitanya Science and Arts College, Pamgarh. Naveen Vaishnav, Assistant Professor, Department of Computer Science, ICFAI University, Raipur participated as the keynote speaker in the workshop.
Mr. Vaishnav explained various techniques of web
development such as HTML, CSS, JavaScript and made the students aware of their
usefulness.
पामगढ़ - चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ में संचालित हिंदी विभाग एवं अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के अवसर में 10 दिवसीय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम वैल्यू एडेड कोर्स दिनांक 14.09.2022 से 24.09.2022तक भाषा प्रवीणता: प्रभावपूर्ण संवाद कैसे करें। विषय पर मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे विभिन्न विश्वविधालय एवं प्रांतों के शिक्षाविद तथा साहित्यकार डॉ. डी. एस. ठाकुर, डॉ. प्रभाकर दर्शन, डॉ, दिनेश श्रीवास, डॉ. सुप्रिया भारतीयन,श्री. विवेक जोगलेकर, डॉ. विनय पाठक, डॉ. मुरली मनोहर सिंह, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी विकास चंदानी,डॉ तारनिश गौतम, प्रो. वी. एन. सिंह द्वारा भाषा प्रवीणता तथा प्रभावपूर्ण संवाद के विषय पर छात्र - छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाएगा। आयोजन के उद्घाटन समारोह में डॉ. डी. एस. ठाकुर सहायक प्राध्यापक हिंदी डॉ. भीमराव अंबेडकर शास. महाविद्यालय पामगढ़ ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए हिंदी विषय की वर्तमान में उपयोगिता पर प्रकाश डाला तथा बताया कि प्रभावपूर्ण संवाद हेतु अध्ययन और अभ्यास की बहुत आवश्यकता है। शासकीय कन्या महाविद्यालय तखतपुर अंग्रेजी विभाग के सहायक प्राध्यापक विकास चंदानी ने कहानी सुनाना और प्रभावित करना विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि दर्शकों को प्रभावित करने में कहानी तथा भाषा व संवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लोगों के दिलों को छुने से लेकर उनके दिमाग तक प्रभावी ढंग से अपने विचार को पहुंचाने की एक कला है।उन्होंने कहानी को कहने तथा सुनाने के तरीकों को साझा किया। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर वानिकी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ.गरिमा तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आवाज वह माध्यम है जिससे अपनी प्रतिभा को अभिव्यक्त करने की प्रवृत्ति जागृत होती है आपकी आवाज ही आपकी सबसे बड़ी कला है तथा भाषा उस कला को निखारने की एक तरीका है। आकाशवाणी की प्रोगाम एक्सक्यूटिव एवं वाइस कल्चर की विषय विशेषज्ञ डॉ.सुप्रिया भारतीयन ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि प्रभावपूर्ण संवाद के लिए अभिव्यक्ति का सबसे सुलभ साधन आवाज है एक छोटा बच्चा अपने हाव-भाव भंगिमा अपने मां को सभी बातें बताते हैं प्रकृति में प्रत्येक जीव संवाद करते हैं आपस में एक दूसरे के साथ संचार करते हैं भाषा अभिव्यक्ति का एक जरिया है। अगर आपकी आवाज सही नहीं है तब तक संचार महत्वपूर्ण नहीं होगा एक वक्ता को भाषण के लिए तैयारियों की आवश्यकता होती है अध्ययन करना तथा सुनना भी महत्वपूर्ण तैयारी है अपने शैली को सुधारने का एक तरीका है। उन्होंने वाइस कल्चर के बारे में बताते हुए कहा कि हर आवाज की अपनी एक पहचान होती है। अपनी आवाज का पिच जानना बेहद जरूरी है, किसी की कॉपी नहीं करनी चाहिए। आवाज की गुणवक्ता, वोकल ताकत, मॉड्यूलन टेक्निक्सेस, सही पिच सिंगिंग, श्वास व्यायाम जैसी बातें वाइस क्लचर के अंतर्गत आती है। वाइस कल्चर को समझना बहुत आवश्यक है। छात्रों ने इस बीच डॉ. सुप्रिया भारतीयन से प्रश्न पूछकर जिज्ञासाओं को शांत किया।महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नही है अपितु एक संस्कृति का नाम है। और संवाद के माध्यम से हम अपनें विचारों का प्रदर्शन करते है प्राचार्य डॉ.वीके गुप्ता ने हिंदी को वैज्ञानिक भाषा बताते हुए हिंदी विषय का अधिक से अधिक उपयोग करने व अपनी राजभाषा पर गर्व करने की बात कही उन्होंने अतिथियों का आभार जताते हुए कहा कि निश्चित ही इस आयोजन से भाषा का प्रसार बढ़ेगा । कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. शैली ओझा व अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती सुपर्णा दास ने किया।कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे
स्वर्गीय प्रोफेसर वाजपेयी की स्मृति में
व्याख्यान माला का हुआ आयोजन
पामगढ़ स्थित चैतन्य विज्ञान एवं कला
महाविद्यालय में शुक्रवार को महाविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के रसायनशास्त्र
परिषद एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय
के भूतपूर्व प्राचार्य प्रोफेसर शरद के वाजपेयी की स्मृति में उनके जन्मजयंती के
अवसर पर एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ
वाजपेयी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शहीद नँदकुमार पटेल विश्वविद्यालय
रायगढ़ के कुलपति डॉ ललित प्रकाश पटेरिया ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के
रुप में स्व प्रोफेसर वाजपेयी की धर्मपत्नी एवं शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय
बिलासपुर के रसायनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ किरण वाजपेयी, गुरु घासीदास केंद्रीय
विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ गरिमा तिवारी, अटलबिहारी वाजपेयी
विश्वविद्यालय बिलासपुर के अधिष्ठाता प्रोफेसर एच के होता एवं शिक्षाविद विवेक
जोगलेकर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में पंडित रविशंकर शुक्ल
विश्वविद्यालय रायपुर के रसायनशास्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कल्लोल घोष
उपस्थित रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप
प्रज्ज्वलित कर किया गया। दीप प्रज्वलन के पश्चात अतिथियों ने स्व वाजपेयी के चित्र
के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। ततपश्चात नन्हा पौधा देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात डॉ गरिमा
तिवारी द्वारा स्वागत उद्बोधन देते हुए अतिथियों का परिचय प्रदान किया गया। उन्होंने स्व डॉ वाजपेयी को याद करते हुए कहा
कि वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो सभी का मार्गदर्शन किया करते थे आगे बढ़ने के नवीन मार्ग प्रशस्त किया करते थे।
स्वागत उद्बोदन के बाद कार्यक्रम की समन्वयक डॉ वीणापाणि दुबे ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि एवं रूपरेखा के विषय मे
बताते हुए स्व प्रोफेसर वाजपेयी के जीवन वृत सभा को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा
कि डॉ वाजपेई ऐसे व्यक्तित्व सूर्य के समान था जिनके प्रकाश से पूरा महाविद्यालय
प्रकाशित हुआ करता था। उन्होंने बताया कि
स्वर्गीय डॉ शरद बाजपाई ने विभिन्न
महाविद्यालयों में महत्वपूर्ण पदो को सुशोभित किया। सीएमडी महाविद्यालय में 40 वर्षो तक प्रोफ़ेसर के
रूप में सेवा दी। सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्याल्य में रजिस्ट्रार के पद में आसीन
रहे। सम्बोधन के क्रम में कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ किरण वाजपेयी ने सभाको
सम्बोधित करते हुए स्वर्गीय डॉ बाजपेई के जीवन के विभिन्न पहलुओं से सभासदो को
अवगत कराया।उन्होंने कहा कि डॉ शरद वाजपेयी एक सरल निश्चल, क्षमाशील, साहस व खोजी प्रवृत्ति के
व्यक्ति थे। डॉ वाजपेई पिता के आज्ञाकारी थे। पिता जी की इच्छा व आदेश पर ही
उन्होंने 1976 में तत्कालीन मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग के माध्यम नियुक्ति
के अवसर एवं जोधपुर विश्वविद्यालय में नियुक्ति पाने के अवसरों को त्याग दिया था।
वे सी एम डी महाविद्यालय बिलासपुर में कार्य करते हुए नियमित अंतरालों पर मद्रास
विश्वविद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रयोगशालाओं में प्रयोग किया करते थे। डॉ
वाजपेई ज्ञान के सागर थे। वे चाहते थे कि विद्यार्थी मेहनत से और ईमानदारी से
सफलता को प्राप्त करें। वे कहा करते थे कि
सफलता के लिए कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है। सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत
ईमानदारी के साथ साथ धैर्य रखना बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने बताया कि डॉ वाजपेई जब
चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़
में प्राचार्य के रूप में जब आसीन
हुए वे बच्चों की भांति महाविद्यालय आने के लिए हमेशा उत्साहित रहा करते थे। ग्रामीण क्षेत्र के
बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर वे बेहद प्रसन्नता व्यक्त किया करते थे।
उन्होंने महाविद्यालय के पुस्तकालय के लिये पुस्तकें देने का निर्णय लिया था। दिव्यांग
विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए डॉ वाजपेई संवेदनशील थे।
विशिष्ट अतिथि शहीद नंद कुमार पटेल
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ललित प्रकाश पटेरिया ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय डॉक्टर शरद बाजपेई जी का
व्यक्तित्व विराट था। उसे दो शब्दों या पुस्तक में समाहित नहीं किया जा सकता है।
उनके व्यक्तित्व से हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा लेनी चाहिए तथा उनके द्वारा
दिखाए गए मार्गों का अनुसरण करना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अटल बिहारी वाजपेई
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एडीएन वाजपेई ने अपने सम्बोधन में स्व डॉ वाजपेयी के
साथ व्यतीत किये गए समय को याद करते हुए कहा स्व मेरे बड़े भाई के समान थे। वे हम सब के मार्गदर्शक थे। उन्होंने कहा कि डॉ
बाजपेई एक ऐसे सरल निश्चल व्यक्ति थे जो कभी आत्मप्रशंसा नहीं किया करते थे। वे एक
सम्पूर्ण मानव थे। उन्होंने बताया कि को संगीत सुनने का शौक था। हम जब एक जगह होते
थे तब सुबह दोपहर शाम को सुने जाने के गीतो की अलग अलग लिस्ट बनी होती थी।
उन्होंने कहा कि स्व डॉ वाजपेयी आत्मकेंद्रित सुलझे हुए समर्पित व्यक्तित्व का
स्वामी थे। जीवन के एक एक क्षण को कैसे जियें यह हमें स्व डॉ शरद वाजपेयी से सीखने की आवश्यकता है।कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एडीएन वाजपेई ने अपने
सम्बोधन में स्व डॉ वाजपेयी के साथ व्यतीत किये गए समय को याद करते हुए कहा स्व
मेरे बड़े भाई के समान थे। वे हम सब के
मार्गदर्शक थे। उन्होंने कहा कि डॉ बाजपेई एक ऐसे सरल निश्चल व्यक्ति थे जो कभी
आत्मप्रशंसा नहीं किया करते थे। वे एक सम्पूर्ण मानव थे। उन्होंने बताया कि को
संगीत सुनने का शौक था। हम जब एक जगह होते थे तब सुबह दोपहर शाम को सुने जाने के
गीतो की अलग अलग लिस्ट बनी होती थी। उन्होंने कहा कि स्व डॉ वाजपेयी आत्मकेंद्रित
सुलझे हुए समर्पित व्यक्तित्व का स्वामी थे। जीवन के एक एक क्षण को कैसे जियें यह
हमें स्व डॉ शरद वाजपेयी से सीखने की
आवश्यकता है।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ कल्लोल घोष ने अपने संबोधन में कहा कि किसी
भी पद में आसीन होने से पहले हम एक अच्छे इंसान होने चाहिए। एक अच्छा इंसान ही
विभिन्न पदों को सुशोभित कर अपने कार्यों सम्पदान कर सकता है।स्व डॉ शरद बाजपेई भी एक ऐसे अच्छे इंसान थे
जिन्होंने सभी छात्र छात्राओं को एक अच्छी शिक्षा प्रदान की। उन्होंने पावर पॉइंट
प्रेजेंटेशन के माध्यम से रसायनशास्त्र की
बारीकियों से परिचित कराया। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में बहु विषयक अनुसंधान की
आवश्यकता है। उन्होंने अल्जाइमर रोग के उपचार में रसायनशास्र की भूमिका के विषय मे
विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अनुसन्धान एक सतत प्रक्रिया है। संस्था के
सञ्चालक वीरेन्द्र तिवारी ने कहा कि स्व डॉ वाजपेयी अपने जिंदादिली के लिए हमेशा
याद किये जाएंगे। उनकी याद में व्याख्यान माला के आयोजन के लिए आयोजन समिति को
साधुवाद दिया। अतिथि उद्बोदन के पश्चात संस्था के संचालक महोदय द्वारा स्मृति चिन्ह
शॉल एवं श्रीफल देकर अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत मे आभार
प्रदर्शन संस्था के प्राचार्य ने संयुक्त राज्य अमेरिका से ऑनलाइन मीटिंग
प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया । उन्होंने
अपने सम्बोधन में कहा कि स्व डॉ वाजपेई को उत्कृष्टता प्रेमी बताया। उन्होंने कहा
स्व डॉ वाजपेई ने अपने ईमानदार प्रयासों
से महाविद्यालय को ऊंचाइयों तक पहुचाया।पूरे कार्यक्रम की यूट्यूब स्ट्रीमिंग भी
की गई। कार्यक्रम में मंच संचालन कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर वीणापाणि दुबे
द्वारा किया गया। कार्यक्रम के तकनीकी सहायता कंप्यूटर साइंस विभाग के सहायक
प्राध्यापक धनेश सूर्या डॉ नरेन्द्रनाथ गुरिया एवं सरोजमणि बंजारे ने प्रदान
की।कार्यक्रम को सफल बनाने में रसायनशास्र विभाग के सहायक प्राध्यापक द्वय डॉ
विनीता ताम्रकार व ऋषभ देव पाण्डेय, समाज कार्य विभाग के
सहायक प्राध्यापक अभिषेक पाण्डेय रासेयो कार्य्रकम अधिकारी संजय बघेल सहित समस्त
प्राध्यापकों व रासेयो स्वयमसेवको का
विशेष योगदन रहा।कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक अधिकारी
कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग के द्वारा मॉडल एग्जिबिशन का आयोजन किया गया था।इस मॉडल प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं के रचनात्मक प्रतिभाओं का अन्वेषण करना तथा उनकी रूचि उत्साह के साथ नए तथ्यों और अविष्कारों को सीखने में छात्रों को संलग्न करना था।
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रुप में सहायक प्राध्यापक प्राणिशास्त्र विभाग डॉ भीमराव अंबेडकर शासकीय महाविद्यालय पामगढ़ के डॉ संतोष अग्रवाल तथा महाविद्यालय के संचालक श्री वीरेंद्र तिवारी प्राचार्य वी के गुप्ता, डॉ गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक वानिकी विभाग गुरु, घासीदास केंद्रीय विश्विद्यालय यबिलासपुर, महाविद्यालय के वनस्पति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.वीणापाणि दुबे ,चैतन्य कॉलेज शिक्षा के प्राचार्य डॉ.उल्हास वी वारे, भूगोल विभाग के प्रमुख डॉ. नरेंद्रनाथ गुरिया उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा में पूजा अर्चन द्वारा किया गया। माडल प्रदर्शनी कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन करते हुए अतिथियों ने प्रतिभागी छात्र - छात्राओं द्वारा प्रस्तुत मॉडल प्रदर्शनी का परीक्षण व अवलोकन किया गया। मुख्य वक्ता
डॉ.संतोष अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों के मन में नई रुचि तथा उत्साह को जन्म देते हैं और उनके ज्ञान को एक नई दिशा मिलती है। उन्होंने आयोजन की शुभकामना देते हुए व्यवस्था की प्रशंसा की।डॉ.वीणापाणि दुबे ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए जिससे छात्रों को अपनी प्रतिभाओं को सामने लाने का मौका मिलता है। उन्होंने छात्रों को उचित जानकारी भी प्रदान की।
डॉ.उल्हास वी. वारे ने अपने संबोधन में कहा कि मॉडल प्रदर्शनी सभी छात्रों के मन में नवीन सोच को जन्म देता है।
डॉ.गरिमा तिवारी ने कहा कि मॉडल प्रदर्शनी छात्रों के सीमित ज्ञान में वृद्धि कर विस्तार की ओर ले जाता है।
प्राचार्य डॉ.वीके गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित सभी प्रदर्शनी सराहनीय हैं, तथा मेहनत करने से ही सफलता प्राप्त होती है मेहनत ही सफलता की कुंजी है। इस बात के लिए छात्रों को प्रेरित किया गया।
महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाइयां देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजन से ज्ञान में वृद्धि के साथ- साथ विद्यार्थियों को अपने कला व समझ को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है। इस बीच अतिथियों को स्मृति चिन्ह व शाल श्रीफल भेंट किया गया।
कार्यक्रम समन्वयक भागवती साहू ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। तकनीकी सहयोग कंप्यूटर विभाग के सहायक सरोजमणि बंजारे ने किया । कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के समन्वयक प्राणी शास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक भगवती साहू तथा समाजकार्य विभाग के सहायक प्राध्यापक अभिषेक पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त स्टाफ तथा छात्र छात्राएं उपस्थित थे ।
पामगढ़- चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय पामगढ़ में इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया था । जिसमे मुख्यवक्ता के रूप में वनस्पतिशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. वीणापाणी दुबे उपस्थित थी। महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी तथा संस्था की प्राचार्य डॉ. वीके गुप्ता एवं डॉ. वीणापाणी दुबे ने सर्वप्रथम माता सरस्वती का पूजन अर्चन किया। डॉ. नरेंद्रनाथ गुरिया ने कार्यक्रम के रूपरेखा को रेखांकित किया। डॉ.वीणापाणी दुबे ने इंडक्शन प्रोग्राम प्रेरण कार्यक्रम की परिभाषा व महत्ता को बताते हुए कहा कि इंडक्शन प्रोग्राम या प्रेरण कार्यक्रम से छात्रों के समूह में नए प्रवेशकों का स्वागत, परिचय और सामाजिककरण की एक प्रक्रिया है। इसे ओरिएंटेशन प्रोग्राम भी कहा जाता है। यह नए कर्मचारियों को नए कार्यस्थल पर और अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ स्वागत करने का अनुभव कराने के लिए किया जाता है। उन्होंने महाविद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों का परिचय प्राप्त करते हुए महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापकों की विशेषताओं को विद्यार्थियों को अवगत कराया साथ ही विद्यार्थियों को शिक्षकों से लगातार मार्गदर्शन लेते रहने की बात कही। महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने आयोजन की शुभकामना देते हुए कहा कि उन्मुखीकरण कार्यक्रम होते रहने चाहिए ऐसे आयोजन से विद्यार्थियों के परिचय शिक्षकों से और शिक्षकों का अनुभव विद्यार्थियों को मिलता रहता है। विद्यार्थी के केवल अपने विभाग के शिक्षकों से ही नहीं बल्कि अन्य विभागों के अनुभवी शिक्षकों से दिशा निर्देश व मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते है। प्राचार्य डॉ. वीके गुप्ता ने आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि प्रेरण कार्यक्रम के माध्यम से पूर्व ज्ञान को नवीन ज्ञान से जोड़ सकते है अर्थात अनुभवी शिक्षकों से प्राप्त ज्ञान का लाभ सभी छात्रों को मिलेगा। शिक्षकों की विशेषताओं की जानकारी के साथ ही शिक्षकों के प्रति आदर व सामंजस्य में वृद्धि होती है। कार्यक्रम का संचालन समाजकार्य के सहायक प्राध्यापक अभिषेक पांडेय ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के स्टाफ सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान एवं जंतु विज्ञान विभागों के संयुक्त सहयोग से जैविक शिक्षा के लिए होम लैब तैयार करने के लिए नवीन दृष्टिकोण विषय पर पांच जुलाई से 15 जुलाई तक दस दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन के सेवानिवृत्त प्रोफेसर और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के वर्तमान समन्वयक प्रो. अरुणन वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर मुख्य वक्ता के रूप में जुड़े रहे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर के सीएमडी कॉलेज की सेवानिवृत्त प्रोफेसर वीणापानी दुबे मौजूद रहीं। कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी.के. गुप्ता, महाविद्यालय के निदेशक वीरेंद्र तिवारी एवं अतिथि डॉ. वीणापानी दुबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर देवी सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष कमल का फूल अर्पित किया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीके गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि सीमित संसाधनों में हम घर पर ही होम लैब तैयार कर सकते हैं और बच्चों में खोजी प्रवृत्ति को बढ़ाकर उन्हें जैविक गतिविधियों से अवगत करा सकते हैं. तत्पश्चात कार्यक्रम की समन्वयक वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक प्राध्यापक सतरूपा गोंड ने बैठक में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को विषय वस्तु एवं पाठ्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर एमसी अरुणन ने अपने भाषण में होमलैब की बुनियादी जानकारी देते हुए कहा कि होमलैब गली क्रिकेट के समान है, इसका मतलब है कि जिस तरह हमें क्रिकेट खेलने के लिए किसी निश्चित मैदान की जरूरत नहीं होती है। विशिष्ट अतिथि डॉ वीणापानी दुबे ने कहा कि हम एक पौधे के जीवन चक्र, उसके विभिन्न चरणों और जैविक गतिविधियों को अपने घर पर देख सकते हैं। कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में कोलैबोरेटिव अंडरस्टैंडिंग बायोलॉजिकल स्टडी की किरण यादव ने ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में शासन एम.एम.आर. पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज चंपा के जूलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. वीएम अग्रवाल ने चींटियों में तीन चरण की बातचीत की और चौथे दिन उन्होंने चींटियों के आकलन और संरक्षण के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया। होमी भाबा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन मुंबई के क्यूबिस्ट अभिजीत सिंह और होमी भाबा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन मुंबई के क्यूबिस्ट मिस्बाह शेख ने होम लैब के विभिन्न प्रयोगों के बारे में बताया। कार्यक्रम के पांचवें दिन डॉ. वी.एम. अग्रवाल के मार्गदर्शन में ग्राम मुदपार स्थित रोपड़ी में क्षेत्र भ्रमण किया गया। इस दौरान डॉ. अग्रवाल ने प्रतिभागियों को नमूना संग्रह के तरीकों और इसके संरक्षण से अवगत कराया। इस दौरान विभिन्न प्रकार के पौधों और कीड़ों को एकत्र किया गया। कार्यक्रम के छठे दिन वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर एवं कार्यक्रम की समन्वयक सतरूपा गोंड ने भुई आंवला संयंत्र में जैविक घड़ी की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम के सातवें दिन मुख्य वक्ता के रूप में डॉ वीणापानी दुबे ने वर्चुअल स्क्रीन के माध्यम से पौधों की पहचान के विभिन्न तरीकों और परिवार के विशिष्ट गुणों के बारे में बताया। इसी कार्यक्रम में द्वितीय वक्ता के रूप में पारंपरिक एवं सिद्धि ज्ञान एवं औषधि विकास संस्थान के डॉ. निर्मल अवस्थी ने उन्हें औषधीय पौधों की पहचान और उनकी उपयोगिता के बारे में जागरूक किया। दूसरे वक्ता के रूप में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुशांत वर्मा ने पक्षियों की पहचान के विभिन्न तरीके बताए। कार्यक्रम के नौवें दिन मुख्य वक्ता के रूप में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर के सदस्य फर्गस मार्क एंथनी ने पक्षियों और उनके प्रवास के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। दूसरे मुख्य वक्ता के रूप में, सहायक प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, नंद दडसेना ने किचन होमलैब तैयार करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्य वक्ता के रूप में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गरिमा तिवारी ने होम लैब के बारे में कहा कि हम अपने घर के आंगन में पेड़ लगाकर जैविक तंत्र का अध्ययन कर सकते हैं। . कॉलेज के निदेशक वीरेंद्र तिवारी, प्राचार्य डॉ. वी.के.गुप्ता, श्रीमती डॉ गरिमा तिवारी, शासकीय एम.एम.आर. कॉलेज डॉ. वी.एम. अग्रवाल, विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान, चंपा कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्रों ने इस विषय से संबंधित होमलैब मॉडल पर प्रस्तुतियां दीं। अपने घरों में, जिसमें रानी गौरा ने एम.एससी. जूलॉजी थर्ड सेम और ठिकान साहू, एमएससी के छात्र। जूलॉजी 4थ सेम ने केंचुओं पर प्रस्तुतियां प्रस्तुत कीं। एमएससी बॉटनी तृतीय सेम की दिलेश्वरी कश्यप ने घर पर फंगस कल्चर पर अपने प्रयोग प्रस्तुत किए। बीएससी की छात्रा निधि देवदास द्वितीय वर्ष बालसम पौधों में जाइलम की पहचान पर किए गए प्रयोगों को प्रस्तुत किया। बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा आंचल लहरें ने रेशमकीट के जीवन चक्र और उसके विभिन्न चरणों में होने वाले परिवर्तनों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के लिए 170 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया है और 100 से अधिक छात्रों ने मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम में सफलतापूर्वक भाग लिया है। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने
चैतन्य कला एवं विज्ञान महाविद्यालय पामगढ़ में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर के वानिकी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गरिमा तिवारी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में एस व्यास विश्वविद्यालय, बैंगलोर की सहायक प्रोफेसर डॉ रेशमा जोगदंड को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के प्राचार्य डॉ. वीके गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए सभा को योग के महत्व, योग दिवस मनाने की आवश्यकता और प्रासंगिकता और इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम से अवगत कराया. , "मानवता के लिए योग"। उन्होंने कहा कि योग एक ऐसी विधि है जो ध्यान को एकाग्र करने में मदद करती है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए ऊर्जा की एकाग्रता और फोकस आवश्यक है। मुख्य वक्ता डॉ. रेशमा जोगदंड ने ऑनलाइन बैठक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि योग व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पहलुओं के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद करता है। योग समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करने का सबसे अच्छा साधन है। योग आत्म अनुशासन सिखाता है। डॉ जोगदंड ने आगे कहा कि मानव की 90 प्रतिशत समस्याएं दिमाग से शुरू होती हैं। मन की गति को कम करने के लिए शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना आवश्यक है। उन्होंने तनाव के सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के प्रभुत्व के कारण इच्छा पूर्ति के अभाव में तनाव उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति में स्वस्थ रहने के लिए हम ऐसे मौसमी फल प्रदान करते हैं, जिनमें मौजूद पोषक तत्व हमारे शरीर को संबंधित मौसम में स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं।
योग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाना सिखाता है। प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करके ही सर्वांगीण स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। संस्था के निदेशक वीरेंद्र तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर और लंबी उम्र के लिए योग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा. योग से लाभ प्राप्त करने के लिए नियमितता और धैर्य नितांत आवश्यक है। डॉ गरिमा तिवारी ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म से सभा को संबोधित करते हुए कहा कि योग सभी के लिए और सभी के लिए योग है। एक बेहतर व्यक्तित्व और बेहतर समाज के लिए योग को अपनाना समय की मांग है। परिचर्चा से पूर्व संस्था के पूर्व छात्र एवं योग प्रशिक्षक तुका सिंह ने संस्था के प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों एवं ऑनलाइन माध्यम से जुड़े प्रतिभागियों को योग के गुर सिखाए. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक ऋषभ देव पांडेय ने किया। कार्यक्रम में सहायक प्रोफेसर धनेश सूर्या ने तकनीकी सहायता प्रदान की। समारोह में सभी कर्मचारियों और 100 से अधिक छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। माननीय अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र तिवारी ने अपने संबोधन में इस गतिविधि की सराहना की और जीवन शैली प्रबंधन में इसकी प्रासंगिकता व्यक्त की। उन्होंने प्रतिभागियों से उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के लिए योग को अपनी दैनिक जीवन शैली में शामिल करने के लिए कहा।